Saturday, July 31, 2010

H@l @ D!L.........!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


Part-1

तुम न जाने किस जहाँ में खो गए,
हम भरी दुनिया में तनहा हो गए!

मौत भी आती नहीं,आस भी जाती नहीं,
दिल को यह क्या हो गया,कोई शैय भाती नहीं!

लूट कर मेरा जहाँ,छुप गए हो तुम कहाँ,
एक जाँ और लाख ग़म,घुट के रह जाए न दम!

आओ तुम को देख लें,डूबती नज़रों से हम,
लूट कर मेरा जहाँ, छुप गए हो तुम कहाँ!

तुम न जाने किस जहाँ में खो गए,
हम भरी दुनिया में तनहा हो गए!

Part-2

मेरे नदीम मेरे हमसफ़र उदास न हो
कठिन सही तेरी मन्जिल मगर उदास न हो

कदम कदम पे चट्टानें खडी़ रहें लेकिन
जो चल निकले हैं दरिया तो फिर नहीं रुकते
हवाएँ कितना भी टकराएँ आँधियाँ बनकर
मगर घटाओं के परछम कभी नहीं झुकते
मेरे नदीम मेरे हमसफ्रर ......

हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें हैं मगर
हर एक तलाश मुरादों के रंग लाती है
हजारों चाँद सितारों का खून होता है
तब एक सुबह फ़िजाओं पे मुस्कुराती है
मेरे नदीम मेरे हमसफ्रर ......

जो अपने खून को पानी बना नहीं सकते
वो जिंदगी में नया रंग ला नहीं सकते
जो रास्ते के अँधेरों से हार जाते हैं
वो मंजिलों के उजाले को पा नहीं सकते
मेरे नदीम मेरे हमसफ्रर ......



One and Only Your Yogendra Pratp Singh

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