Monday, August 30, 2010

**Ab Bhi Teri Aahat Per**



Zakhm Muskurate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per
Dard Bhool Jate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per

Shabnami Sitaroon Per Phool Khilne Lagte Hen
Chand Muskurate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per

Umar Kat Di Lakin Bachpana Nai Jata
Hum Diye Jalate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per

Teri Yaad Aaye To Neend Jati Rahti Hai
Hum Khushi Manate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per

Ab Bhi Teri Aahat Per Chand Muskurata Hai
Khwab Gungunate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per

Tere Hijr Me Hum Per Ik Aazab Taari hai
Chonk Chonk Jate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per

Ab Bhi Teri Aahat Per Aass Lout Aati Hai
Ashq Hum Bahate Hen Ab Bhi Teri Aahat Per.

Tuesday, August 24, 2010

क्या है सच्चा प्यार ? आओ सुनो एक कहानी

एक चिडिया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया , उसने गुलाब को प्रपोस किया ,
गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा ,
जवाब सुनके चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया,
ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी


इसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी इम्तहान नहीं लेना चाहिए,
क्यूंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता है ,
ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है ,

ये जरूरी नहीं की तुम जिसे प्यार करो वो तुम्हे प्यार दे ,
बल्कि जरूरी ये है की जो तुम्हे प्यार करे तुम उसे जी भर कर प्यार दो,
फिर देखो ये दुनिया जन्नत सी लगेगी
प्यार खुदा की ही बन्दगी है ,खुदा भी प्यार करने वालो के साथ रहता है,

प्यार क्या है

प्यार के एक पल ने जन्नत को दिखा दिया प्यार के उसी पल ने मुझे ता -उमर रुला दिया एक नूर की बूँद की तरह पिया हमने उस पल को एक उसी पल ने हमे खुदा के क़रीब ला दिया !!

जिधर जाते हैं सब ,उधर जाना अच्छा नही लगता... मुझे फरमान रास्तों का सफर अच्छा नही लगता


प्यार क्या है, एक राही की मंज़िल.......
एक बंज़र जमी पर, अमृत की प्यास......
पारस पत्थर को ढुँढ़नें की खोज.......
ना पूरा होने वाला एक सुंदर सपना.....
जैसे की बड़ा मुश्किल हो कोई मिलना....
खो के फिर ना पाया हो कहीं पाया .......
मिल के भी,जो ना हुआ हो अपना........

प्यार है इक एहसास...
दिल की धड़कनी को छूता राग...
या है पागल वसंती हवा कोई...
या है दिल में झिलमिल करती आशा कोई...
या प्यार है एक सुविधा से जीने की ललक...
जो देती है थके तन और मन को एक मुक्त गगन...

सच्चा प्रेम कभी प्रति-प्रेम नहीं चाहता।' कबीरदास

'पुरुष, प्यार अक्सर और थोड़ा करता है, किंतु स्त्री, प्यार सौभाग्य से और स्थाई करती है।'आचार्य रजनीश 'ओशो'

'जिस प्यार में प्यार करने की कोई हद नहीं होती और किसी तरह का पछतावा भी नहीं होता, वही उसका सच्चा रूप है।'
मीर तकी मीर

'प्यार एक भूत की तरह है, जिसके बारे में बातें तो सभी करते हैं, पर इसके दर्शन बहुत कम लोगों को हुए हैं।'
सिकंदर

'प्रेम कभी दावा नहीं करता, वह हमेशा देता है। प्रेम हमेशा कष्ट सहता है, न कभी झुंझलाता है और न ही कभी बदला लेता है।'
महात्मा गाँधी

'खूब किया मैंने दुनिया से प्रेम और मुझसे दुनिया ने, तभी तो मेरी मुस्कुराहट उसके होठों पर थी और उसके सभी आँसू मेरी आँखों में।' खलील जिब्रान

'प्रेम आँखों से नहीं ह्रदय से देखता है, इसीलिए प्रेम को अंधा कहा गया है।' शेक्सपीयर

'प्रेम के स्पर्श से हर कोई कवि बन जाता है।' अफलातून

'जहाँ प्रेम है, वहीं जीवन का सही रूप है।' अरस्तु

'प्यार आत्मा की खुराक है।' कंफ्यूशियस

'प्यार समर्पण और जिम्मेदारी का दूसरा नाम है।' बेकन

'जीवन में प्रेम का वही महत्व है जो फूल में खुशबू का होता है।' जॉर्ज बनार्ड शॉ

"प्यार " एक ऐसा एहसास

मेरे बोलों को तुम अपनी रवानी दे दो !!!
कुछ तो कहेगा दिल ये गर तलब इसे हुई,
ये बात और है कि तुम सुनो या ना सुनो,
मस्ती फिजां की देख के बहकेगा दिल ज़ुरूर,
बहके हुए इस दिल को तुम चुनो या ना चुनो!!

न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूँ दिल नवाज़ी की,
न तुम मेरी तरफ़ देखो ग़लत अंदाज़ नज़रों से,
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाये मेरी बातों में,
न ज़ाहिर हो तुम्हारी कशमकश का राज़ नज़रों से!!!

"प्यार " एक ऐसा एहसास, एक ऐसी भावना जिसका सिर्फ़ जिक्र किया जाए तो ये सारी जिंदगी कम है। प्यार ऐसी भावना जिसके नाम हम अपनी हर एक साँस भी लिख दे तो वो भी कम है। परंतु सबसे ज्यादा समस्या भी प्यार में उत्पन्न होती है। सबसे ज्यादा दिल भी प्यार में ही टूटते हैं। हम किसी से दिलोजान से प्यार करते हों वो हमें अचानक छोड़ दे, तो ऐसी स्थिति में जिन्दगी बेमानी लगने लगती है।"


माना कि बाहों में हो फूल सदा ,
ये जरूरी तो नही ।
काँटों का दर्द भी ,
कभी तो सहना होगा।
राहों में छाव हो सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
धुप की चुभन में,
कभी तो रहना होगा ।
हंसी खिलती रहे सदा ,
ये जरूरी तो नहीं।
पलकों पर जमे अश्को को,
कभी तो बहना होगा।
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
पर तुम्हें खुश रहने की कोशिश तो करना होगा |

Monday, August 23, 2010

Kuch Likhna Chahata Hoon

Kuch Likhna Chahata Hoon
Sochta Hoon Kya Likhoon ?

Pholoon Ki Woh Mehakti Khushboo
Barish Ka Woh Bhega Pani
Aur Hawa Mein Thi Jo Rawani
Kya Uss Mousam Ka Khumaar Likhoon?

Kuch Likhna Chahata Hoon
Sochta Hoon Kya Likhoon?

Thi Chehrey Par Unkey Masomiyat
Aankhoon Mein Thi Thori Shararat
Aur Baatoon Mein Woh Nazakat
Kya Unka Rangeen Mizaaj Likhoon?

Kuch Likhna chahata Hoon
Sochta Hoon Kya Likhoon?

Unka Aaker Muskurana
Jo Rooth Jaon To Manana
Jate Jate Phir Rulana
Kya Unka Yeh Andaaz Likhoon?

Kuch Likhna Chahata Hoon
Sochta Hoon Kya Likhoon?

Yaadoon Mein Unkey Ashk Bahana
Her Shaam Ek Diya Jalana
Soi Umeed Ko Roz Jagana
Kya Unka Yeh Intezar Likhoon?

Kuch Likhna Chahata Hoon
Sochta Hoon Kya Likhon?

मत इंतज़ार कराओ

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ

दूरियों से फर्क पड़ता नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है

दिल से खेलना हमे आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए

मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।

लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!

मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
दोस्ती कर लेनी हीं दोस्ती नहीं होती ....

अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं

अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,
"अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं"

Monday, August 16, 2010

कुछ हुआ और शयरी हो गई

कुछ हुआ और शयरी हो गई

"हम गर जीते नही आप की खतीर
पर एक बार मर तो सकते हैं
बातें ना हो आपसे गम नही
आपको याद कर तो सकते हैं "




"भूल जाओ मुझे गम नही
यादों में भी न आओ गम नही
बस जब लगी हो दोस्ती की महफिल
तेरे होटों पे एक बार - नाम मेरा आए ये ही कम नही "


" ज़िन्दगी लम्बी है कई मोड़ आयेंगे
यादों के साए हम ओढ़ आयेंगे
इजाज़त हो आपकी तो कह दें एक बात
आपके हर आँसू से पहले हम ख़ुद को रुलायेंगे"



"कीसी की याद इतनी आई
मेरे दिल को बहुत सताए
जब पुछा खुदा से वो कौन है
तब खुदा को उसकी बनाई
सबसे खूबसूरत चीज़ याद आई "


"गर हो दर्द तो मुझको बता देना

रोने की चाह हो तो मुझको रुला देना
खुसी की हो चाहत तो ऐ दोस्त बस एक बार
दिल से मुझे आवाज़ लगा देना"


"कोई तो होगा जो हमें याद करेगा
मेरे लिए भी फरियाद करेगा
तुम मुझे भूल जाओ तो क्या
कोई तो होगा कहीं जहाँ में
जो ता ज़िन्दगी मुझे याद करेगा"




आज फिर मौसम ऐ बहार आई
आज फिर तेरी याद आई
तेरी याद की खुशबू इस तरह महकी
आज फिर चांदनी मेरे आँगन में - उतर आई
ऐ दोस्त
आज फिर तेरी याद आई"



"सोचा न था तुम ज़िन्दगी में आओगे
मेरे जीवन में ऐसे बहार लाओगे
अब गम और दर्द की जगह नही अब बची
सोचा न था इतनी खुसी में मुझे डुबाओगे "



"zinda रहने की वजह ढूँढ़ते हैं
तुमसे मिलने की वजह ढूँढ़ते हैं
करते हैहर साँस तुम्हे पाने की दुआ
हर इंसान में हम अब तेरा
हाँ तेरा अक्स ढूंढते हैं"

Saturday, August 14, 2010

***ज़िन्दगी इश्क मे तबाह हो गई***

हम जुदा होंगे उस वक्‍त सोचा न था,
जब तुझे देखा था पहले पहल और ,
आज जब तुझे देखा तुझे मुमताज़ मेरी,
अश्को मे ढ्ल गया मेरे सपनो का ताजमहल.

तुम्हे जब मुझ से ज्यादा गैर प्यारें हैं,
फिर मेरी याद मे तुम तडपती क्यो हो,
तुमने ही पावंदी लगाई है मुलाकातो पर,
फिर अब राहें मेरी तुम तकती क्यों हो.

मैने पहले पहल जब देखा था तुम्हे,
तो मह्सूस हुआ था जिंदगी तुम हो,
फिज़ूल भटका फिरा हँ मै आज तक,
हकीकत मे तो मेरी बंदगी तुम हो.

तुम रहो उदास् यह मै सह नही सकता,
मज़बूर हँ इसलिए कुछ भी कह नही सकता,
तुमने दामन बचा लिया रस्मे वफा से वरना,
मै एक पल भी तुम बिन रह नही सकता.

कोई एक तो वादा निभा दिया होता,
मेरी वफाओ का कुछ तो सिला दिया होता,
तबाह करना था अगर प्यार मे मुझको,
खुद अपने हाथो से मुझे मिटा दिया होता

कोई गम नही एक तेरी जुदाई के सिवा,
मेरे हिस्से मे क्या आया तन्हाई के सिवा,
मिलन की रातें मिली, यूँ तो बेशुमार,
प्यार मे सबकुछ मिला शहनाई के सिवा.

पत्थर से दिल लगा कर बर्बाद हो गए,
दिल शाद था मगर अब नाशाद हो गाए,
जिनके वफाओं पर ऐतबार था 'योगेन्द्र',
करके हमे तबाह वह खुद आबाद हो गए।

बात मुद्दत के मुस्कुराने की रात आयी है,
हर एक वादा निभाने की रात आयी है,
वह जो दूर रहा करते थे साये से भी कभी,
सीने से उनको लगाने की रात आई हैं.

किसी परी की जवानी लगी थी तुम,
प्यार की एक कहानी लगी थी तुम,
सबूत तूम ही थी कुदरत के नूर का,
जीती जागती कोई निशानी लगी थी,

ज़िन्दगी हो गई हंसी तुम तो मिल गए मुझे,
हर एक पल को सजाने की रात आई है,
बरसो तडफाया था 'योगेन्द्र' को जिसने यारो,
आज उसी शोख को तडफाने की रात आई है,

तेरे प्यार को, तेरे चाहत तो सलाम,
कदमो को तेरे, तेरी आहट को सलाम.
जिस प्यार से तुने सवारी जिंदगी मेरी,
ऐ मेरे यार तेरी इस इनायत को सलाम.

वक्‍त के साथ हालात बदल जाते हैं,
अपनो तक के ख्यालात बद्ल जाते हैं,
जब बुरा वक्‍त आता है 'प्यारे'
खुद अपने ही ज़्ज़बात बदल जाते हैं.

Friday, August 13, 2010

*****फिर मेरी कमी होगी*****

गुलशन की बहारों मैं,
रंगीन नज़ारों मैं,
जब तुम मुझे ढूंढोगे,
आँखों मैं नमी होगी,
महसूस तुम्हें हर दम,
फिर मेरी कमी होगी......

आकाश पे जब तारे,
संगीत सुनाए गे,
बीते हुए लम्हों को,
आँखों मैं सजाओगे,
तन्हाई के शोलों मे,
जब आग लगी होगी
महसूस तुम्हे हर दम
फिर मेरी कमी होगी,

सावन की घटाओं का
जब शोर सुनोगे तुम,
बिखरे हुए माज़ी के
राग चुनोगे तुम
माहॉल के चेहरे पर
जब धूल जमी होगी
महसूस तुम्हे हर दम
फिर मेरी कमी होगी

जब नाम मेरा लोगे
तुम कांप रहे होगे
आंशूं भरे दामन से
मुँह ढांप रहे होगे
रंगीन घटाओं की
जब शाम घनी होगी
महसूस तुम्हें हर दम
फिर मेरी कमी होगी..............

शायरी खुद किताब होती है- -

पीर जब बेहिसाब होती है
शायरी लाजवाब होती है

इक न इक दिन तो ऐसा आता है
शक्ल हर बेनकाब होती है

चांदनी जिसको हम समझते हैं
गर्मी-ए-आफ़ताब होती है

बे मज़ा हैं सभी क़ुतुब खाने
शायरी खुद किताब होती है

शायरी तो करम है मालिक का
शायरी खुद किताब होती है

ये कैसी बेबसी

ना तुझे छोड़ सकते हैं तेरे हो भी नही सकते
ये कैसी बेबसी है आज हम रो भी नही सेकते

ये कैसा दर्द है पल पल हमें तडपाए रखता है
तुम्हारी याद आती है तो फिर सो भी नही सकते

चुपा सकते हैं और ना दिखा सकते हैं दागों को
कुछ ऐसे दाग हैं दिल पर जो हम धो भी नही सकते

कहा तो था छोड़ देगें तुम्हें, मगर फिर रुक गये
तुम्हें पा तो नही सकते, मगर खो भी नही सकते

हमारा एक होना भी नही मुमकिन रहा अब तो
जियें कैसे की तुम से दूर रह भी नही सकते!!!!!!

Thursday, August 12, 2010

हमें हाल-ए-दिल बताना नही आता !!!!!!!!!!

दिल से उनको भुलाना नहीं आता
हमको उनसे मिलने का बहाना नहीं आता !

दिल की दुनिया में झाँक लो
मेरे अरमानों की ख़बर क्या है तुमको???
मुझे उनके सामने कुछ भी बताना नही आता !

उनकी नाराज़गी किस तराह चुभती है
मेरे इस नाज़ुक से दिल को
हमें इस तकलीफ़ को लफ़्ज़ों में जताना नहीं आता !

हमसे तो कह गये के मोहब्बत में
तड़प को यूँ शामिल ना करो
सच तो येह है के आपको प्यार निभाना नहीं आता !

दिल के दरवाज़े को खोल कर देख लो
मेरे मेहबूब नाम किसका है लिखा
हमें वो नाम आपको पढ़ाना नहीं आता !

सारी दुनिया पर ज़ाहिर कर दिया
हमने अपना हाल-ए-दिल
हमें अपने दिल की हालत को छुपाना नहीं आता !

मोहब्बत को बन्दगी का नाम दिया है
उसे सादगी से पेश करेंगे
हमें वक़्त के साथ रंग बदलना नहीं आता, !

हमें हाल-ए-दिल बताना नही आता !

Wednesday, August 11, 2010

मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ ~~~~~

अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ

कोई आँसू तेरे दामन पर गिराकर
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ

थक गया मैं करते-करते याद तुझको
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ

छा रहा है सारी बस्ती में अँधेरा
रोशनी हो, घर जलाना चाहता हूँ

आख़री हिचकी तेरे ज़ानों पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ

Yogendra Pratap Singh

Tuesday, August 10, 2010

मुहाजिर हैं मगर

मुहाजिर हैं मगर हम एक दुनिया छोड़ आए हैं
तुम्हारे पास जितना है हम उतना छोड़ आए हैं

कहानी का ये हिस्सा आजतक सब से छुपाया है
कि हम मिट्टी की ख़ातिर अपना सोना छोड़ आए हैं

नई दुनिया बसा लेने की इक कमज़ोर चाहत में
पुराने घर की दहलीज़ों को सूना छोड़ आए हैं

अक़ीदत से कलाई पर जो इक बच्ची ने बाँधी थी
वो राखी छोड़ आए हैं वो रिश्ता छोड़ आए हैं

किसी की आरज़ू के पाँवों में ज़ंजीर डाली थी
किसी की ऊन की तीली में फंदा छोड़ आए हैं

पकाकर रोटियाँ रखती थी माँ जिसमें सलीक़े से
निकलते वक़्त वो रोटी की डलिया छोड़ आए हैं

जो इक पतली सड़क उन्नाव से मोहान जाती है
वहीं हसरत के ख़्वाबों को भटकता छोड़ आए हैं

यक़ीं आता नहीं, लगता है कच्ची नींद में शायद
हम अपना घर गली अपना मोहल्ला छोड़ आए हैं

हमारे लौट आने की दुआएँ करता रहता है
हम अपनी छत पे जो चिड़ियों का जत्था छोड़ आए हैं

हमें हिजरत की इस अन्धी गुफ़ा में याद आता है
अजन्ता छोड़ आए हैं एलोरा छोड़ आए हैं

सभी त्योहार मिलजुल कर मनाते थे वहाँ जब थे
दिवाली छोड़ आए हैं दशहरा छोड़ आए हैं

हमें सूरज की किरनें इस लिए तक़लीफ़ देती हैं
अवध की शाम काशी का सवेरा छोड़ आए हैं

गले मिलती हुई नदियाँ गले मिलते हुए मज़हब
इलाहाबाद में कैसा नज़ारा छोड़ आए हैं

हम अपने साथ तस्वीरें तो ले आए हैं शादी की
किसी शायर ने लिक्खा था जो सेहरा छोड़ आए हैं

Saturday, August 07, 2010

लड़खड़ाते हुए तुमने जिसे देखा होगा!!

लड़खड़ाते हुए तुमने जिसे देखा होगा
वो किसी शाख़ से टूटा हुआ पत्ता होगा

अजनबी शहर मैं सब कुछ ख़ुशी से हार चले
कल इसी बात पे घर-घर मेरा चर्चा होगा

ग़म नहीं अपनी तबाही का मुझे दोस्त मगर
उम्र भर वो भी मेरे प्यार को तरसा होगा

दामने ज़ीस्त फिर भीगा हुआ-सा आज लगे
फिर कोई सब्र का बादल कहीं बरसा होगा

क़ब्र मैं आ के सो गया हूँ इसलिए अय तपिश
उनकी गलियों मैं मरूंगा तो तमाशा होगा

~~~~~~Rajputana~~~~~~

हम मृतयु वरन करने वाले जब जब हथियार उठाते हैं
तब पानी से नहीं शोनीत से अपनी प्यास बुझाते हैं,

हम राजपूत वीरो का जब सोया अभिमान जगता हैं
तब महाकाल भी चरणों पे प्राणों की भीख मांगता हैं

THE SYMBOL OF "RAJPUT CULTURE".

उठाकर तलवार , जब घोड़े पे सवार होते है !
बाँध के साफा , जब तैयार होते है !
देखती है दुनिया छत पर चडके
ओर कहती है काश हम भी राजपूत होते.!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


तो राजपूत जिया करते है, दिग्गजों को पछाड़ कर राज किया करते है, कौन रखता
है किसी के सर पर ताज, राजपूत तो अपना राज तिलक सवयम किया करते हे !

THE MEANING OF RAJPUT
R:-rakshaa aapno dharm
A:-agni aapni laaj
J:- jay aapno maksad
P:- prahaar aapnu swarup
U:- unnati aapni dhaal
T:- talwaar aanu shastra....

रात चौंधाई,दिन घबराया
जब इस धरती पर राजपूत आया !!

धरती भी डोली,आई सूरज पर भी छाया
जब इस धरती पर राजपूत आया !!

पहाडो को झुकाया,मौत को भी तड़पाया
जब इस धरती पर राजपूत आया !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
@@@@@@@@@I am proud I am born as a RAJPUT@@@@@@@@@@@@@@@@@@
Har Har Mahadev~~~~~~~~~~~~~Jay Mata Di!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

जख़्म दिल का

जख़्म दिल का नहीं भरा शायद,
दर्द सा कुछ अभी उठा शायद।

कहते-कहते वो रुक गया ऐसे,
अजनबी मैं उसे लगा शायद।

उसने यूँ ही निगाहें बदली हैं,
सच उसे भी नहीं पता शायद।

कल वो मुझको करेगा याद ऐसे,
नाम था एक अजीब सा शायद।

बिन कहे साथ छोड़ कर जाना,
याद होगा वो वाकया शायद।

जब वो लौटेगा तब ही मानेंगे,
है कहीं ना कहीं ख़ुदा शायद।

साथ वो लम्हे ले गया सारे,
और एक लफ्ज़ रह गया शायद।

Friday, August 06, 2010

**********दिल में अरमाँ जगा लिया मैंने**********

दिल में अरमाँ जगा लिया मैंने,
दिन ख़ुशी से बिता लिया मैंने।

इक समंदर को मुँह चिढ़ाना था,
रेत पर घर बना लिया मैंने।

अपने दिल को सुकून देने को,
इक परिन्दा उड़ा लिया मैंने।

आईने ढूंढ़ते फिरे मुझको,
ख़ुद को तुझ में छुपा लिया मैंने।

ओढ़कर मुस्कुराहटें लब पर,
आँसुओं का मज़ा लिया मैंने।

ऐ DIL चल समेट ले दामन
जो भी पाना था पा लिया मैंने।

Sunday, August 01, 2010

Frame Relay Configuration...........



Configuration of Frame Relay..............

DLCI Number:-
201 – 102 = Headoffice to Mumbai
301 - 103 = Headoffice to AHE
204 – 206 = AHE to Mumbai
Frame Relay Switch:-

FRS(Config)#frame-relay switching
FRS (Config)#int s0/0
FRS (Config-if) #encapsulation frame-relay
FRS (Config-if)#Frame-relay int-type dce
FRS (Config-if)#clock rate 64000
FRS (Config-if)#no frame-relay inverse-arp
FRS (Config-if)#frame-relay lmi-type cisco
FRS (Config-if)#no shut
FRS (Config-if)#frame-relay route 102 int s0/1 201
FRS (Config-if)#frame-relay router 103 int s0/2 301
FRS (Config)#int s0/1
FRS (Config-if) #encapsulation frame-relay
FRS (Config-if)#Frame-relay int-type dce
FRS (Config-if)#clock rate 64000
FRS (Config-if)#no frame-relay inverse-arp
FRS (Config-if)#frame-relay lmi-type cisco
FRS (Config-if)#no shut
FRS (Config-if)#frame-relay route 201 int s0/1 102
FRS (Config-if)#frame-relay router 206 int s0/2 204
FRS (Config)#int s0/2
FRS (Config-if) #encapsulation frame-relay
FRS (Config-if)#Frame-relay int-type dce
FRS (Config-if)#clock rate 64000
FRS (Config-if)#no frame-relay inverse-arp
FRS (Config-if)#frame-relay lmi-type cisco
FRS (Config-if)#no shut
FRS (Config-if)#frame-relay route 301 int s0/1 103
FRS (Config-if)#frame-relay router 204 int s0/2 206
Headoffice:-

Headoffice(config)#int s0/0
Headoffice(config-if)#ip address 10.0.0.1 255.255.255.0
Headoffice(config-if)#frame-relay int-type dte
Headoffice(config-if)#no frame-relay inverse-arp
Headoffice(config-if)#frame-relay map ip 10.0.0.2 102 broadcast
Headoffice(config-if)#frame- relay map ip 10.0.0.3 103 broadcast
Headoffice(config-if)#no shut
Mumbai:-

Mumbai(config)#int s0/0
Mumbai(config-if)#ip address 10.0.0.2 255.255.255.0
Mumbai (config-if)#frame-relay int-type dte
Mumbai (config-if)#no frame-relay inverse-arp
Mumbai (config-if)#frame-relay map ip 10.0.0.1 201 broadcast
Mumbai (config-if)#frame- relay map ip 10.0.0.3 206 broadcast
Mumbai (config-if)#no shut
AHE:-

AHE(config)#int s0/0
AHE(config-if)# ip address 10.0.0.3 255.255.255.0
AHE(config-if)#frame-relay int-type dte
AHE(config-if)#no frame-relay inverse-arp
AHE(config-if)#frame-relay map ip 10.0.0.1 204 broadcast
AHE(config-if)#frame- relay map ip 10.0.0.2 301 broadcast
AHE(config-if)#no shut

After the Love!!!!!

कहाँ ले जाऊँ दिल दोनों जहाँ में इसकी मुश्क़िल है ।
यहाँ परियों का मजमा है, वहाँ हूरों की महफ़िल है ।

इलाही कैसी-कैसी सूरतें तूने बनाई हैं,
हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है।

ये दिल लेते ही शीशे की तरह पत्थर पे दे मारा,
मैं कहता रह गया ज़ालिम मेरा दिल है, मेरा दिल है ।

जो देखा अक्स आईने में अपना बोले झुँझलाकर,
अरे तू कौन है, हट सामने से क्यों मुक़ाबिल है ।

हज़ारों दिल मसल कर पाँवों से झुँझला के फ़रमाया,
लो पहचानो तुम्हारा इन दिलों में कौन सा दिल है ।